February 25, 2015

कहाँ है रे कठोर हो?

कहाँ है रे कठोर हो?

फागुन आय रओ है रे... फुलवारी मा, गगन पे छाय रओ है रे... गुलाल हाँ,
पिया खेलो रहे ठोड़ी में बांधे रुमलवा, चोली होरी बसंती ज्यों धधके अगनवा,



भर डारो पिचकारी पुरो बदनवा हो, मैं तो ठाड़ी तोरो इंंजार मदनवा हो...

...होरी है!!!

कहाँ है रे कान्हा कठोर हो? कहाँ है रे माखनचोर हो? कहाँ है रे कठोर हो?

© टी. सी. के.

*** छायाचित्र गूगल से